Fatiha Karne Ka Tarika – फातिहा पढ़ने का आसान तरीका

आप को इस पैग़ाम में फातिहा पढ़ने का सुन्नत और सही तरीका जानने को मिलेगी‌, हम सभों को अपने गुज़रे हुए अहलो अयाल अज़िजो अकारीब को फातिहा देना चाहिए साथ ही अल्लाह के वास्ते भी फातिहा देना चाहिए ऐसे में हम सभी को फातिहा देने का तरीका मालुम होना चाहिए।

हम सभी को आदाब ए फातिहा का लिहाज़ रखना चाहिए जिस से सवाब मुकम्मल पहुंचे हम सब फातिहा सवाब के लिए तो करते हैं अगर ऐसे में हम सही से फातिहा नहीं पढ़ेंगे तो फातिहा का सवाब कम पहुंचेगा और हमें भी कम हासिल होगा इसिलीए इस पैगाम में आप फातिहा का सही तरीका जानेंगे।

आप इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद यकिनन बहुत ही आसानी से बिला खलल के फातिहा पढ़ना सिख जाएंगे कुछ लोग को तो डाउट होता है जबकि कुछ लोग फातिहा का तरीका नहीं जानते लेकिन इस पैग़ाम को पढ़ने के बाद आप को फातिहा पढ़ने का तरीका भी जानेंगे और फातिहा करने का सही तरीका भी मालुम हो जाएगा।

Fatiha Karne Ka Tarika

आप फातिहा करने के लिए सबसे पहले बा वज़ु मतलब वजु के साथ किब्ला कि तरफ रूख करके पाक जगह पर बैठ जाएंगे और फातिहा की चीज जैसे खाना गोश्त फल पानी वगैरा सामने रख लेंगे कोई भी चीज़ पैक या ढक कर न रखें फिर नीचे लिखी हुई बात पर अमल करें।

  • दुरूदे इब्राहिम 11 ग्यारह मरतबा पढ़ें।
  • सुरह फातिहा 1 एक मरतबा पढ़ें।
  • सुरह क़ाफिरून 1 एक मरतबा पढ़ें।
  • सुरह इख्लास 3 तीन मरतबा पढ़ें।
  • सुरह फलक 1 एक मरतबा पढ़ें।
  • सुरह नास 1 एक मरतबा पढ़ें।
  • सुरह फातिहा 1 एक मरतबा पढ़ें।
  • सुरह बकरह मुफ्लिहुन तक 1 एक बार पढ़ें।

इसके बाद ‘इन्नल्लाहा व मला इकतहु व सल्लुना अलन्नबिय्यि ये वाली पुरी आयते करीमा पढ़ें इसे पढ़ने के बाद सुब्हाना रब्बिक व रब्बिल इज्जते अमा यसिफुन व सलामुन अलल मुरसलिम वल्हम्दुलिल्लाही रब्बिल आलमिन ये पढ़ कर अल फातिहा कहें इसके बाद जो दुआ करनी हो वो दुआ करें।

फातिहा करने का तरीका

सबसे पहले किसी भी पाक जगह पर खुद किब्ला कि रूख कर के वजु के साथ यानी सही से वजु करके बैठ जाएं जिस तरह से नमाज पढ़ने समय तशह्हुद में बैठा जाता है फिर अब फातिहा शुरू करें सबसे पहले कम से कम तीन दफा और हो सके तो ग्यारह मरतबा दुरूदे इब्राहिम पढ़ें।

दुरूदे इब्राहिम हिन्दी में

अल्लाहुम्म सल्लिअला सैय्यिदिना मुहम्मदिंव व अला आलि सय्यिदिना मुहम्मदीन कमा सल्लै त अला सय्यिदिना इब्राहिम व अला आलि सय्यिदिना इब्राहिमा इन्नका हमीदुम मजीद अल्ला हुम्मा बारिक अल्ला सय्यिदिना मुहम्मदिंव व अला आलि सय्यिदिना मुहम्मदिन कमा बारकता अल्आ सय्यिदिना इब्राहिम व अला आलि सैय्यिदिना इब्राहिमा इन्नका हमीदुम मजीद।

इसे कम से कम तीन बार पढ़ें या ग्यारह मरतबा पढ़ें फिर सुरह फातिहा पढ़ें।

सुरह फातिहा हिन्दी में

अउजुबिल्लाहि मिनशशैतानिर्रजीम फिर बिस्मिल्लाह हिर्रहमान निर्रहीम पढ़कर सुरह फातिहा एक बार पढ़े, अलहम्दु लिल्लाहि रब्बिल आलमिन. अर्रहमा निर्रहीम. मालिकि यौमिद्दिन. इय्याका नअबुदु व इय्याका नस्तईन. इहदिनस सिरातल मुस्तकी म. सिरातल लजी न अन अम्ता अलैहिम गैरिल मगदूबि अल्लैहिम वलद्दाल्लीन।

इसे एक ही बार पढ़ें। इसके बाद सुरह काफिरून पढ़ें।

सुरह क़ाफिरून हिन्दी में

कुल या अय्यूहल काफिरुन. ला आअबुदू मा ताअ बुदू न. व ला अन्तुम आबिदू न मा आअबुद. व ला अना आबिदुम माअबत्तुम. वला अन्तुम आबिदू न मा आअबुद. लकुम दीनुकुम वलि यदीन।

इसे भी सिर्फ एक बार ही पढ़ें। इसके बाद सुरह इख्लास पढ़ें।

सुरह इखलास हिन्दी में

कुल हु वल्लाहु अहद्. अल्लाहुस् समद. लम य लिद् वलम यूलद. वलम यकुं ल्लहु कुफुवन अहद।

इसे यानी सुरह इख्लास को तीन बार पढ़े। इसके बाद सुरह फलक़ पढ़ें।

सुरह फलक़ हिन्दी में

कुल अऊजु बिरब्बिल् फ लक. मिन शर्रि मा ख लक. व मिन शर्रि गासिकीन इजा वकब. व मिन शर्रि नफ्फासाति फिल उकद. व मिन शर्रि हासिदीन इजा हसद्।

इसे सिर्फ एक बार पढ़ें इसके बाद सुरह नास पढ़ें।

सुरह नास

कुल अऊजु बिरब्बिन्नास. मलिकीन्नास इलाहिन्नास. मिन शर्रिल वस्वासिल-खन्नासिल. लजी युवसविसु फि सुदूरिन्नास. मिनल जिन्नति वन्नास।

सुरह नास भी एक बार पढ़ें फिर इसके बाद सुरह फातिहा जिसे शुरू में बताया उसे भी यहां फिर एक बार पढ़ें। इसके बाद सुरह बक़रह हुमूल मुफलिहून तक 1 एक बार पढ़ें।

सुरह बक़रह

अलिफ़ लाम मिम. जालीकल किताबु ला रै बफिह. हुदल लील मुत्तकीनल्लजीना यूमिनूना बिल गैबि व युकिमुनस्सलाता व मिम्मा रजकनाहुम युनफिकुन. वल्लजीना युमिनू ना बिमा उनजिला इलैका वमा उनजिला मिन कब्लिक. व बिल आखिरती हुम यूकिनुन. उलाइका अला हुदम मिंर रब्बिहिम व उलाइका हुमूल मुफलिहून।

इसके बाद नीचे वाली आयते करीमा यानी आयते खामसह पढ़ें।

आयते खामसह

व इलाहुकुम इलाहुं वाहीद. लाइलाहा इल्ला हुवर्रहमानुर्रहिम. इन न रहमतल्लाही करिबुम मिनल मुहसिनीन. वमा अरसलनका इल्ला रहमतल लिल आलमिन. मा का ना मुहम्मदुन अबा अ हदिम मिंर रिजालिकुम वला किंर रसुलल्लाहि व खातमन नबिय्यीन व कानल्लाहू बिकुल्लि शैइन अलीमा. इन्नल्लाहा व मलाइ क त हू यूसल्लूना अलन्नबिय्यि. या अय्यूहल लजिना आमनू सल्लु अलैहि व सल्लिमू तस्लिमा। इसे पढ़ने के बाद सुब्हाना रब्बिक व रब्बिल इज्जते अमा यसिफुन व सलामुन अलल मुरसलिम वल्हम्दुलिल्लाही रब्बिल आलमिन ये पढ़ कर अल फातिहा कहें इसके बाद जो दुआ करनी हो वो दुआ करें।

आपको समझने के लिए हमने दुआ की तरकिब बताई है।

बख्शने का तरीका

ऐ अल्लाह जो कुछ कलाम दुरूद शरीफ पढ़ा और कुरान मजिद की आयतें तिलावत की उनका सवाब और इस खाना या शिरनी का सवाब मेरी तरफ़ से हुज़ूर सरवरे कायनात सल्लल्लाहु तआला अलैहि वसल्लम को नज़्र पहुंचा दे।

फिर उनके वसीले से तमाम अंबियाए किराम अलैहिमुस्सलाम व सहाबा और तमाम औलिया व उलमा को अता फरमा खुसुसन हजरते गौसे पाक रजियल्लाहु तआला अन्हु ख्वाजये अजमेरी रजियल्लाहु तआला अन्हु को नज्र पहुंचा दे।

फिर कोई शख्स को पहुंचाना हो तो अब नाम ले इस तरह से की फलां कि रूह को सवाब पहुंचा दे और तमाम मोमिनीन व मोमिनात की रूहों को सवाब पहुंचा दे आमिन या रब्बिल आलमिन बिरहमति क या अर्हमर्राहिमिन।

FAQ

फातिहा क्या है?

फातिहा यानि दुरूद आयत सुरह को पढ़कर किसी भी ख़ास को सवाब पहुंचाना फातिहा कहलाता है।

फातिहा में कौन- कौन सी सूरत पढ़ी जाती है?

फातिहा में सुरह फातिहा, सुरह काफिरून, सुरह फलक़, सुरह इख्लास,‌ सुरह नास और सुरह बक़रह पढ़ी जाती है।

आखिरी बात

आप ने इस पैगाम में फातिहा करने का सुन्नत और सही तरीका को मुकम्मल जाना, यहां पर आपको फातिहा करने का सही तरीका बहुत ही आसान और साधारण हिंदी भाषा में लिखी गई है जिसे पढ़ने के बाद आप यकीनन आसानी से समझ गए होंगे अगर इसके बाद भी कुछ आपके मन में सवालात उत्पन्न हो तो आप हमसे कमेंट बॉक्स के ज़रिए पूछ सकते हैं।

आपको यह पैगाम जरूर पसंद आया होगा आपको यह कैसा लगा हमें जरूर बताइएगा अगर आपको यह अच्छा लगा हो तो इसे सभी जरूरतमंदों तक यानी जिसे जरूरत हो उस तक पहुंचाएं और अपने नेक आमाल में उजाफा करें कि हमारे मजहब में सही बात को फैलाना भी नेकी है तो इसे अपने मोमिनों तक ज़रूर पहुंचाएं।